Friday, September 24, 2010

सितम्बर में आम का मज़ा


आज जब मैं स्कूल से लौटा तो देखा  की मेरे छोटे से आम के पेड़ का एक आम पक गया है तो मैंने उसे तोड़ लिया और उसे चखा. जितना छोटा मैं हूँ उतना ही छोटा

  मेरा पेड़ है पर उसमें जाड़े  में भी फल लगता है.  वैसे पता नहीं ये आम कैसे छुट  गया क्योंकि बाकी टिकोलों को तो मैं रोज सुबह तोड़ कर जमीन में गाड कर पेड़ उगने की  कोशिस किया करता था.

7 comments:

माधव( Madhav) said...

amazing thing

रावेंद्रकुमार रवि said...

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बहुत बढ़िया!
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Chaitanyaa Sharma said...

wow sparsh.....

Shubham Jain said...

areee wah is samay aam wo bhi ped se tod kar...amazing :)

Shubham Jain said...
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Shubham Jain said...
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Shubham Jain said...

स्पर्श को प्यार....
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