ये देखिये गयी मेरी पहली दांत और खुल गयी मेरी दांतों की खिड़की. पता है जब मेरा दांत टूटा तो मैं कितना रोया, इतना ..इतना.. इतना.. जितना की पूरा बीस दांत ही टूट गया हो और अब कभी नहीं आएगा.
अब तो मेरी मुस्कुराहट भी खिड़की वाली हो गयी है. पता है मेरी दादी मेरा क्या नाम रखी है...... पर्वत राज खिड़की वाला, क्योंकि मैं दिन भर बालू में से कंकड़ और पत्थर चुनता हूँ और मेरे दांत में एक खिड़की हो गयी है.