sparsh
Thursday, January 13, 2011
मेरी खिड़की
अब तो मेरी मुस्कुराहट भी खिड़की वाली हो गयी है. पता है मेरी दादी मेरा क्या नाम रखी है...... पर्वत राज खिड़की वाला, क्योंकि मैं दिन भर बालू में से कंकड़ और पत्थर चुनता हूँ और मेरे दांत में एक खिड़की हो गयी है.
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